मानो या ना मानो।
एलोरा का कैलासननाथ मंदिर भारत के एलोरा में स्थित सबसे बड़े प्राचीन हिंदू मंदिरों में से एक है। इसका निर्माण 8 वीं शताब्दी में राष्ट्रकूट राजा कृष्णा प्रथम के शासन काल (756-773 ई) में पूरा हुआ था। यह कैलाश मंदिर एलोरा की 34 गुफाओं में सबसे अदभुत है।
1.भगवान् शिव को समर्पित इस कैलाशनाथ मंदिर को बनाने में 10 पीढियों ने लगातार लगभग 200 वर्ष तक काम किया था।
2.कैलाशनाथ मंदिर की ऊचांई 90 फ़ीट है, यह 276 फ़ीट लम्बा और 154 फ़ीट चौड़ा गुफा मंदिर है।
3.कैलाशनाथ मंदिर एक ही विशाल चट्टान को तोड़ कर बनाया गया है, लगभग 40 हजार टन भार के पत्थारों को चट्टान से अलग कर के बनाया गया है यह भव्य मंदिर।
4.कैलाशनाथ मंदिर बाहर से मूर्ति की तरह समूचे पर्वत को ही तराश कर इसे द्रविड़ शैली के मंदिरों का रूप दिया गया है। लगभग 7000 शिल्पियों ने लगातार काम करके इसे तैयार किया है, इसकी नक्काशी अत्यंत विशाल और भव्य है।
5.मंदिर में एक विशाल हाथी की प्रतिमा भी है जो अब खंडित हो चुकी है।
6.ऐलोरा की कुछ गुफाओ में बाहार का प्रकाश नहीं पहुँच पाता इसलिए इनको देखने के लिए आपको टॉर्च या कृतिम प्रकाश की जरुरत पड़ सकती है।
7.विशाल गोपुरम से प्रवेश करते ही सामने खुले मंडप में नंदी की प्रतिमा नजर आती है और उसके दोनों ओर विशालकाय हाथी और स्तंभ बने हुए हैं।
8.कैलाश नाथ मंदिर में बनी भैरव की मूर्ति काफी भयकारक दिखाई देती है। कैलाश मंदिर में एक अति विशाल और भव्य शिवलिंग भी है। इसके अलावा भगवान शिव की तांडव करती हुई प्रतिमा इतनी भव्य है जैसी कही और देखने को नहीं मिलेगी
9.यह् कैलाशनाथ मंदिर संभाजीनगर महाराष्ट्र में स्थित है और भारतीय पुरातत्व द्वारा संरक्षित है।
10.एलोरा का कैलासननाथ मंदिर इतना भव्य है की इसे देख कर विश्वास नहीं होता की इसे बनाना इंसानो के दवरा संभव है यह दुनिया के सात अजूबों में शामिल होने लायक है।
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